शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2021

Tashkant International Film Festival 2021 UZBEKISTAN

Rajnish BaBa Mehta Represented India in Tashkant international Film Festival 2021



RAJNISH BABA MEHTA AWARDED BY HOLLYWOOD DIRECTOR LUC BESSON 

Rajnish BaBa Mehta awarded in Tashkant international film festival 2021 Film Punyatithi 

RAJNISH BABA MEHTA AWARDED BY HOLLYWOOD DIRECTOR LUC BESSON 
film punyatithi:death anniversary based on Babri Maszid







 

सोमवार, 12 अगस्त 2019

मुगल काल में नीबू को शाही फल माना जाता था।

विटामिन सी से भरपूर नीबू स्फूर्तिदायक और रोग निवारक फल है। इसका रंग पीला या हरा तथा स्वाद खट्टा होता है। इसके रस में 5% साइट्रिक अम्ल होता है तथा जिसका pH 2 से 3 तक होता है। किण्वन पद्धति के विकास के पहले नीबू ही साइट्रिक अम्ल का सर्वप्रमुख स्रोत था। इसमें पोटेशियमलोहासोडियममैगनेशियमतांबाफास्फोरस और क्लोरीन तत्त्व तो हैं ही, प्रोटीनवसा और कार्बोज भी पर्याप्त मात्रा में हैं। विटामिन सी से भरपूर नीबू शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही एंटी आक्सीडेंट का काम भी करता है और कोलेस्ट्राल भी कम करता है। नीबू में मौजूद विटामिन सी और पोटेशियम घुलनशील होते हैं, जिसके कारण ज्यादा मात्रा में इसका सेवन भी नुकसानदायक नहीं होता। रक्ताल्पता से पीडि़त मरीजों को भी नीबू के रस के सेवन से फायदा होता है। यही नहीं, नीबू का सेवन करने वाले लोग जुकाम से भी दूर रहते हैं। एक नीबू दिन भर की विटामिन सी की जरूरत पूरी कर देता है। नीबू के कुछ घरेलू प्रयोगों पर लगभग हर भारतीय का विश्वास हैं। ऐसा माना जाता है कि दिन भर तरोताजा रहने और स्फूर्ति बनाए रखने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक नीबू का रस व एक चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए। एक बाल्टी पानी में एक नीबू के रस को मिलाकर गर्मियों में नहाने से दिनभर ताजगी बनी रहती है। गर्मी के मौसम में हैजे से बचने के लिए नीबू को प्याज व पुदीने के साथ मिलाकर सेवन करना चाहिए। लू से बचाव के लिए नीबू को काले नमक वाले पानी में मिलाकर पीने से दोपहर में बाहर रहने पर भी लू नहीं लगती। इसके अलावा इसमें विटामिन ए, सेलेनियम और जिंक भी होता है। गले में मछली का कांटा फंस जाए तो नीबू के रस को पीने से निकल जाता है
विश्व में सबसे अधिक नीबू का उत्पादन भारत में होता है। यह विश्व के कुल नीबू उत्पादन का 16% भाग उत्पन्न करता है। मैक्सिकोअर्जन्टीनाब्राजील एवं स्पेन अन्य मुख्य उत्पादक देश हैं।

पुराने समय से ही नीबू एक गर्भ निरोधक के रूप में इस्तेमाल होता रहा है, पर आधुनिक युग में इसके इस गुण की ओर लोगों ने ध्यान कम ही दिया है। ऑस्ट्रेलिया के कुछ वैज्ञानिकों ने अपने एक शोध के दौरान पाया है कि नीबू का रस मानव शुक्राणु को मारने में सक्षम है, साथ ही यह एच आई वी विषाणु को भी मार देता है।
बड़े काम की चीज है  कागजी नीबू, प्रमालिनी,विक्रम,चक्रधर,पी के एम-१ (P K M-1),साईं शर्बती, अभयपुरी लाइम, करीमगंज लाइम। 

कातिब & कहानीबाज 
रजनीश बबा मेहता

अंगूर फल माँ के दूध के समान पोषक है।

Writer - Rajnish BaBa Mehta 


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एम्पिलोथेरेपी एक रोज जब किसी ने इस शब्द का प्रयोग किया तो उस वक्त सिर्फ इतना समझ में आया कि इसका ताल्लुकात ग्रीक से होगा। काफी तलाश करने के बाद पता चला कि एम्पिलोथेरेपी को प्राचीन ग्रीक “एम्फ़ीलोस” यानि “वाइन” के नाम से भी जाना जाता है । मतलब इसका सीधा संबंध अंगूर से है। औऱ अंगूर की खेती की शुरूआत अाज से 5000-8000 साल पहले भारत से हुआ था। हालांकि शराब हमेशा से दवाई के तौर पर भी देखा जाता रहा है , लेकिन उसकी मात्रा सीमीत होनी चाहिए। अंगूर एक बलवर्द्धक एवं सौन्दर्यवर्धक फल है। अंगूर फल माँ के दूध के समान पोषक है। फलों में अंगूर सर्वोत्तम माना जाता है। यह निर्बल-सबल, स्वस्थ-अस्वस्थ आदि सभी के लिए समान उपयोगी होता है।इससे अंगूरी शराब भी बनायी जा सकती है, जिसे हाला (अंग्रेज़ी में "वाइन") कहते हैं, यह अंगूर के रस का ख़मीरीकरण करके बनायी जाती है।
वाइन” का स्वास्थ्य पर प्रभाव मुख्य रूप से, इसके सक्रिय घटक अल्कोहल के आधार पर निर्धारित होता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार वाइन” की अल्प मात्रा (महिलाओं के लिए प्रति दिन एक मानक पेय और पुरुषों के लिए प्रति दिन एक से दो मानक पेय) पीने से दिल की बीमारी, स्ट्रोक, मधुमेह, मेलिटस,मेटाबोलिक सिंड्रोम और शीघ्र मृत्यु का खतरा कम होता है।  हालांकि, अन्य अध्ययनों में इस तरह का कोई प्रभाव नहीं पाया गया।  वाइन के अधिक सेवन  से हृदय रोग,उच्च रक्तचाप, आर्टियल फाईब्रिलेशन, स्ट्रोक और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। बहुत कम मात्रा में वाइन के सेवन से  कैंसर द्वारा मृत्यु दर में, मिश्रित परिणाम भी पाए गए हैं ।एनीमिया में अंगूर से बढ़कर कोई दवा नहीं है। उल्टी आने व जी मिचलाने पर अंगूर पर थोड़ा नमक व काली मिर्च डालकर सेवन करें। पेट की गर्मी शांत करने के लिए 20-25 अंगूर रात को पानी में भिगों दे तथा सुबह मसल कर निचोडें तथा इस रस में थोड़ी शक्कर मिलाकर पीना चाहिए। गठिया रोग में अंगूर का सेवन करना चाहिए। इसका सेवन बहुत लाभप्रद है क्योंकि यह शरीर में से उन तत्वों को बाहर निकालता है जिसके कारण गठिया होता है। अंगूर के सेवन से हड्डियाँ मजबूत होती हैं। अंगूर के पत्तों का रस पानी में उबालकर काले नमक मिलाकर पीने से गुर्दो के दर्द में भी बहुत लाभ होता है। भोजन के आघा घंटे बाद अंगूर का रस पीने से खून बढ़ता है और कुछ ही दिनों में पेट फूलना, बदहजमी आदि बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

जब भी मौका मिले लपेट लिजिए एक गुच्छा अंगूर , है तो अपने भारत की पैदाइश। 

कातिब & कहानीबाज 
रजनीश बबा मेहता
#kahanibaaj #storywriting #travel #hindi

शुक्रवार, 9 अगस्त 2019

अनानास वाले फायदे

PINEAPPLE by Rajnish BaBa Mehta 

समंदर के किनारे अनन्नास का आकर्षण भी अजीब है। हालांकि भारत के लोगों का मानना है कि ये फल भारतीय है लेकिन हकीकत में ये पैराग्वे एवं दक्षिणी ब्राज़ील का फल है । खाने से बहुत सारे फलदायी निष्कर्ष निकल सकते हैं । अनन्नास के औषधीय गुण भी बहुत होते हैं। ये शरीर के भीतरी विषों को बाहर निकलता है। इसमें क्लोरीन की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही पित्त विकारों में विशेष रूप से और पीलिया यानि पांडु रोगों में लाभकारी है । इसके अलावा ये हड्डियों को मजबूत बनाता है। अनन्नास में प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। यह शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है। एक प्याला अनन्नास के रस-सेवन से दिन भर के लिए आवश्यक मैग्नीशियम के ७५% की पूर्ति होती है। साथ ही ये कई रोगों में उपयोगी होता है। इस फल में पाया जाने वाला ब्रोमिलेन सर्दी और खांसी, सूजन, गले में खराश और गठिया में लाभदायक होता है। यह पाचन में भी उपयोगी होता है। अनन्नास अपने गुणों के कारण नेत्र-ज्योति के लिए भी उपयोगी होता है। दिन में तीन बार इस फल को खाने से बढ़ती उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम हो जाने का खतरा कम हो जाता है। आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों के शोधों के अनुसार यह कैंसर के खतरे को भी कम करता है। ये उच्च एंटीआक्सीडेंट का स्रोत है व इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और साधारण ठंड से भी सुरक्षा मिलती है। इससे सर्दी समेत कई अन्य संक्रमण का खतरा कम हो जाता है । 

तो लपेट लीजिए जब भी मौका मिला , एक-आध तो चांप कर खा ही लिजिएगा। 
#कातिब & #कहानीबाज 
रजनीश बाबा मेहता