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शुक्रवार, 8 अक्टूबर 2021

Tashkant International Film Festival 2021 UZBEKISTAN

Rajnish BaBa Mehta Represented India in Tashkant international Film Festival 2021



RAJNISH BABA MEHTA AWARDED BY HOLLYWOOD DIRECTOR LUC BESSON 

Rajnish BaBa Mehta awarded in Tashkant international film festival 2021 Film Punyatithi 

RAJNISH BABA MEHTA AWARDED BY HOLLYWOOD DIRECTOR LUC BESSON 
film punyatithi:death anniversary based on Babri Maszid







 

सोमवार, 12 अगस्त 2019

अंगूर फल माँ के दूध के समान पोषक है।

Writer - Rajnish BaBa Mehta 


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एम्पिलोथेरेपी एक रोज जब किसी ने इस शब्द का प्रयोग किया तो उस वक्त सिर्फ इतना समझ में आया कि इसका ताल्लुकात ग्रीक से होगा। काफी तलाश करने के बाद पता चला कि एम्पिलोथेरेपी को प्राचीन ग्रीक “एम्फ़ीलोस” यानि “वाइन” के नाम से भी जाना जाता है । मतलब इसका सीधा संबंध अंगूर से है। औऱ अंगूर की खेती की शुरूआत अाज से 5000-8000 साल पहले भारत से हुआ था। हालांकि शराब हमेशा से दवाई के तौर पर भी देखा जाता रहा है , लेकिन उसकी मात्रा सीमीत होनी चाहिए। अंगूर एक बलवर्द्धक एवं सौन्दर्यवर्धक फल है। अंगूर फल माँ के दूध के समान पोषक है। फलों में अंगूर सर्वोत्तम माना जाता है। यह निर्बल-सबल, स्वस्थ-अस्वस्थ आदि सभी के लिए समान उपयोगी होता है।इससे अंगूरी शराब भी बनायी जा सकती है, जिसे हाला (अंग्रेज़ी में "वाइन") कहते हैं, यह अंगूर के रस का ख़मीरीकरण करके बनायी जाती है।
वाइन” का स्वास्थ्य पर प्रभाव मुख्य रूप से, इसके सक्रिय घटक अल्कोहल के आधार पर निर्धारित होता है। कुछ अध्ययनों के अनुसार वाइन” की अल्प मात्रा (महिलाओं के लिए प्रति दिन एक मानक पेय और पुरुषों के लिए प्रति दिन एक से दो मानक पेय) पीने से दिल की बीमारी, स्ट्रोक, मधुमेह, मेलिटस,मेटाबोलिक सिंड्रोम और शीघ्र मृत्यु का खतरा कम होता है।  हालांकि, अन्य अध्ययनों में इस तरह का कोई प्रभाव नहीं पाया गया।  वाइन के अधिक सेवन  से हृदय रोग,उच्च रक्तचाप, आर्टियल फाईब्रिलेशन, स्ट्रोक और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। बहुत कम मात्रा में वाइन के सेवन से  कैंसर द्वारा मृत्यु दर में, मिश्रित परिणाम भी पाए गए हैं ।एनीमिया में अंगूर से बढ़कर कोई दवा नहीं है। उल्टी आने व जी मिचलाने पर अंगूर पर थोड़ा नमक व काली मिर्च डालकर सेवन करें। पेट की गर्मी शांत करने के लिए 20-25 अंगूर रात को पानी में भिगों दे तथा सुबह मसल कर निचोडें तथा इस रस में थोड़ी शक्कर मिलाकर पीना चाहिए। गठिया रोग में अंगूर का सेवन करना चाहिए। इसका सेवन बहुत लाभप्रद है क्योंकि यह शरीर में से उन तत्वों को बाहर निकालता है जिसके कारण गठिया होता है। अंगूर के सेवन से हड्डियाँ मजबूत होती हैं। अंगूर के पत्तों का रस पानी में उबालकर काले नमक मिलाकर पीने से गुर्दो के दर्द में भी बहुत लाभ होता है। भोजन के आघा घंटे बाद अंगूर का रस पीने से खून बढ़ता है और कुछ ही दिनों में पेट फूलना, बदहजमी आदि बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

जब भी मौका मिले लपेट लिजिए एक गुच्छा अंगूर , है तो अपने भारत की पैदाइश। 

कातिब & कहानीबाज 
रजनीश बबा मेहता
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