विटामिन सी से भरपूर नीबू स्फूर्तिदायक और रोग निवारक फल है। इसका रंग पीला या हरा तथा स्वाद खट्टा होता है। इसके रस में 5% साइट्रिक अम्ल होता है तथा जिसका pH 2 से 3 तक होता है। किण्वन पद्धति के विकास के पहले नीबू ही साइट्रिक अम्ल का सर्वप्रमुख स्रोत था। इसमें पोटेशियम, लोहा, सोडि यम, मैगनेशियम, तांबा, फास्फोरस और क्लोरीन तत्त्व तो हैं ही, प्रोटीन, वसा और कार्बोज भी पर्याप्त मात्रा में हैं। विटामिन सी से भरपूर नीबू शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही एंटी आक्सीडेंट का काम भी करता है और कोलेस्ट्राल भी कम करता है। नीबू में मौजूद विटामिन सी और पोटेशियम घुलनशील होते हैं, जिसके कारण ज्यादा मात्रा में इसका सेवन भी नुकसानदायक नहीं होता। रक्ताल्पता से पीडि़त मरीजों को भी नीबू के रस के सेवन से फायदा होता है। यही नहीं, नीबू का सेवन करने वाले लोग जुकाम से भी दूर रहते हैं। एक नीबू दिन भर की विटामिन सी की जरूरत पूरी कर देता है। नीबू के कुछ घरेलू प्रयोगों पर लगभग हर भारतीय का विश्वास हैं। ऐसा माना जाता है कि दिन भर तरोताजा रहने और स्फूर्ति बनाए रखने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक नीबू का रस व एक चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए। एक बाल्टी पानी में एक नीबू के रस को मिलाकर गर्मियों में नहाने से दिनभर ताजगी बनी रहती है। गर्मी के मौसम में हैजे से बचने के लिए नीबू को प्याज व पुदीने के साथ मिलाकर सेवन करना चाहिए। लू से बचाव के लिए नीबू को काले नमक वाले पानी में मिलाकर पीने से दोपहर में बाहर रहने पर भी लू नहीं लगती। इसके अलावा इसमें विटामिन ए, सेलेनियम और जिंक भी होता है। गले में मछली का कांटा फंस जाए तो नीबू के रस को पीने से निकल जाता है
विश्व में सबसे अधिक नीबू का उत्पादन भारत में होता है। यह विश्व के कुल नीबू उत्पादन का 16% भाग उत्पन्न करता है। मैक्सिको, अर्जन्टीना, ब्रा जील एवं स्पेन अन्य मुख्य उत्पादक देश हैं।
बड़े काम की चीज है कागजी नीबू, प्रमालिनी,विक्रम,चक्रधर, पी के एम-१ (P K M-1),साईं शर्बती, अभयपुरी लाइम, करीमगंज लाइम।
कातिब & कहानीबाज
रजनीश बबा मेहता